Akita Dog Health, Care Tips, Feeding And Grooming in Hindi: नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का DogKiDuniya.com में। दोस्तों पीछे के लेखों में हम Akita Dog Breed Information, Akita Price, Akita Facts in Hindi, Akita Breed Characteristics के बारे में विस्तृत चर्चा कर चुके हैं। जिसे आप नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। आज के इस लेख में हम Akita Health, Feeding, Grooming, Care Tips से संबंधित जानकारी देंगे तो पूरा लेख शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें।
अब आइए देखते हैं Akita Dog Health, Feeding, Grooming, Care Tips के बारे में विस्तार से..
Akita Dog Health, Care Tips, Feeding And Grooming in Hindi
आइए अब एक-एक करके Akita Dog Health, Care Tips, Feeding And Grooming के बारे में जानते हैं।
Akita Health
पीछे के लेखों में हम बात कर चुके हैं कि Akita जापानी मूल के बड़े कुत्ते की नस्ल है। सामान्य तौर पर यह स्वस्थ नस्ल होती है लेकिन अन्य नस्लों की तरह यह भी कुछ निश्चित बीमारियों के प्रति काफी संवेदनशील होते है। इन बीमारियों का उल्लेख हम नीचे कर रहे हैं
हिप डिस्प्लेशिया (Hip Dysplasia)
यह एक अनुवांशिक बीमारी है जिसमें जांग की हड्डी कुल्ले की हड्डी के साथ सही फिट नहीं हो पाती है जिसकी वजह से आपके डॉगी को असहनीय पीड़ा और लंगड़ेपन या फिर इन दोनों से गुजरना पड़ सकता है। कभी-कभी तो यह कुत्तों के दोनों पिछले पैरों में देखने को मिलता है।
हिप डिस्प्लेशिया के अलावा कभी-कभी कुत्तों में अर्थराइटिस भी विकसित हो जाती है। वह कुत्ते जो हिप डिस्प्लेशिया से पीड़ित होते हैं। उनका इस्तेमाल कभी भी नई नस्लों के प्रादुर्भाव या उत्पन्न करने में नहीं किया जाना चाहिए ल।
इसीलिए हम आपको बार-बार सलाह देते हैं कि किसी भी नस्ल का कुत्ता हमेशा एक रेपुटेड ब्रीडर से ही खरीदें क्योंकि वही आपको नस्लों की शुद्धता की गारंटी दे सकते हैं।
निदान: हिप डिस्प्लेशिया की समस्या से निजात पाने के लिए आप अपने डॉगी को एक्सरे स्क्रीनिंग की मदद से इलाज करा सकते हैं।
गैस्ट्रिक डाइलेटेशन वाल्बुलस (Gastric dilatation-volvulus)
इस बीमारी को सामान्य तौर पर Bloat नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो कि गहरी छाती वाले लंबी नस्ल के कुत्तों जैसे Akita Breed में होने की परम संभावना होती है। यह समस्या मुख्य रूप से कुत्तों में तब उत्पन्न होती है जब दिन में 1 बार बहुत अधिक मात्रा में खाना खा लेते हैं या फिर बहुत अत्यधिक मात्रा में पानी पी लेते हैं और उसके तुरंत बाद एक्साइज करते हैं।
ब्लॉट की समस्या तब पैदा होती है जब कुत्तों के पेट में गैस बन जाती है। इसकी वजह से पेट में मरोड़ पैदा होता है। इस समस्या में कुत्ते उल्टी करने में असमर्थ हो जाते हैं। कभी-कभी इस स्थिति में उनका ब्लड प्रेशर नीचे गिर जाता है और आपके कुत्ता बेहोश भी हो सकता है। यदि आप इसका तत्काल इलाज नहीं कराते हैं तो आपका कुत्ता मर भी सकता है।
ऐसी स्थिति में हम आपको सलाह देते हैं कि जल्द से जल्द अपने डॉगी को किसी नजदीकी पशु चिकित्सक को दिखाएं और उसका इलाज कराएं।
Hypothyroidism (हाइपोथाइरॉएडिज्म)
यह एक थायराइड ग्रंथि से संबंधित विकार है। ऐसा माना जाता है कि यह एपी लेप्सी एलोपेसिया ओबेसिटी लेथार्जी प्योडरमा और अन्य त्वचा संबंधित बीमारियों को जन्म देता है। इसका इलाज दवा और डाइट में बदलाव करके किया जा सकता है।
प्रोग्रेसिव रेटिनल अट्रॉफी (Progressive retinal atrophy (PRA)
यह मुख्य तौर पर एक आंखों से संबंधित बीमारी है जिसमें कुत्ते की आंखों की रेटिना का धीरे-धीरे क्षय होने लगता है। इस बीमारी के शुरुआती के दिनों में पीड़ित कुत्ते नाइट ब्लाइंड का शिकार हो जाते हैं। उनके देखने की क्षमता खो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित ज्यादातर कुत्ते अपनी रोशनी खो देते हैं। इसीलिए इसका तत्काल प्रभाव से इलाज कराना अति आवश्यक है।
सिबेसीयस एडिनाइटिस Sebaceous adenitis (SA)
यह मुख्य रूप से अकिता नस्लों में होने वाली सामान्य बीमारी है। यह एक जेनेटिक बीमारी है, इस बीमारी के लक्षण कुत्तों में तब नजर आते हैं जब वह 1 से 5 साल तक के होते हैं। इससे पीड़ित नस्ल में सुखी ड्राई स्किन, हेयर लॉस की समस्या देखने को मिलती है। कभी-कभी तो उनके शरीर से बदबू भी आती है, यह एक तरीके का स्किन इन्फेक्शन होता है जिसकी वजह से आपका कुत्ता बेचैन हो सकता है।
Akita Care Tips | अकिता की देखभाल कैसे करें?
अकिता कुत्ते की नस्लें तब बहुत ज्यादा सुखद और अच्छा महसूस करती है जब वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। यह नस्लें बहुत ज्यादा उग्र नहीं होती लेकिन फिर भी इन्हें प्रतिदिन एक्साइज की आवश्यकता होती है। इनको प्रतिदिन 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक की एक्सरसाइज देनी चाहिए, जिसमें ब्रिस्क वॉक, जोगिंग, रॉन्पिंग जैसी गतिविधियां शामिल हो सकती हैं।
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अकिता को कभी भी पार्क में जहां पर दूसरी नस्ल के कुत्ते मौजूद हों वहां पर उसको ट्रेनिंग नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि अन्य नस्लों के प्रति इनका बर्ताव आक्रामक होता है।
चूँकि यह एक बुद्धिमान कुत्ते की नस्ल है इसीलिए इनके लिए अलग-अलग रूटीन अपनाने चाहिए। फर्स्ट टाइम डॉग ओनर के लिए यह नस्ल बिल्कुल भी ठीक नहीं है। अकिता को ऐसी गतिविधियां सिखाएं जिससे यह बोर ना हो अन्यथा इन में बार्किंग, च्युइंग और अग्रेशन की भावना पनपने लगती है। इसके अतिरिक्त आप अपने अकिता पप्पी को पारिवारिक गतिविधियों में भी शामिल कर सकते हैं। लेकिन इन्हें कभी अकेला लंबे समय के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
अकिता कुत्तों की एक्सरसाइज और रहन-सहन के लिए चारों तरफ से कटीले तार से गिरा हुआ यार्ड एक उपयुक्त स्थान हो सकता है। अजनबियों के प्रति इनका व्यवहार थोड़ा रूखा होता है। सामान्य तौर पर जब अकिता पप्पी एक डॉग में तब्दील हो रहा होता है तो इसका अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए।
इस नस्ल के कुत्ते 4 से 7 महीनों के बीच बहुत तेजी से विकास करते हैं। इसीलिए इस उम्र के पड़ाव में इनका खासा ध्यान रखा जाना चाहिए इनको उच्च गुणवत्ता वाले और लो कैलरी वाले डाइट देनी चाहिए।
Akita Feeding
एक अकिता नस्ल को प्रतिदिन 3 से 5 कप उच्च गुणवत्ता वाला सूखा भोजन दिन में एक बार देना चाहिए। हालांकि आप अपने पिल्ले की उम्र, आकार और गतिविधियों के आधार पर भोजन की मात्रा को कम या अधिक कर सकते हैं। इनके फीडिंग से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी जानकार पशु चिकित्सा की सहायता ले सकते हैं।
लेकिन हमेशा भोजन की मात्रा को इस आधार पर तय करें कि इससे इनमें मोटापा की समस्या न बढ़ें अन्यथा और कई बीमारियां इन्हें घेर लेती हैं।
Akita Grooming
ऐसा देखने में आया है कि अमेरिकन अकिता (American Akita) कई अलग-अलग रंगों और रंगों के संयोजन में उपलब्ध होते हैं। जिनमें काला, सफेद, चॉकलेट और रंगों के संयोजन में सफेद या फिर ब्राइडल शामिल है। अकिता के शरीर बालों का दोहरा कोट होता है जिसमें आंतरिक कोट बहुत ज्यादा घनी होती है, वहीं इनका टॉप कोट छोटा होता है। कुल मिलाकर बात करें तो अंकिता नस्ल में ग्रुमिंग करना बहुत ज्यादा कठिन नहीं है।
लेकिन अकिता में बाल गिरने की समस्या बहुत ज्यादा होती है। इसीलिए एक निश्चित अंतराल पर इनकी साफ-सफाई और ग्रूमिंग की जानी चाहिए। इनको सप्ताह में एक बार ब्रशिंग करना चाहिए।
वही हर 3-4 दिन पर इनके दांतो को अच्छी तरह से साफ कराएं। हालांकि इनको नहलाने में आप 2 से 3 महीने का अंतर रख सकते हैं। हफ्ते में एक बार उनके कानों की सफाई करें व महीने में एक बार इनके नाखूनों की भी कटाई करें।
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