Tibetan Mastiff Health, Care Tips, Feeding, Grooming, Rescue के बारे में आजके लेख में हम बात करेंगे। हमने अपने पहले के लेख में Tibetan Mastiff के अभिलक्षण, स्वभाव, फोटो के बारे में बात की है। उसे नीचे दिए लिंक से पढ़ सकते हैं।
आज हम इसकी अगली कड़ी लेकर आए हैं, जिसमें हम तिब्बती मैस्टिफ़ के स्वास्थ्य, केयर टिप्स, ग्रूमिंग के बारे में बात करेंगे।
Tibetan Mastiff Health (स्वास्थ्य)
Tibetan Mastiff आम तौर पर प्रकृति के अनुकूल नस्ल है। यह gकुत्ते की उन नस्लों में से एक है जो स्वस्थ्य होती है। लेकिन इसके बावजूद इनमें कुछ जन्मजात स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं, जो निम्न हैं।
कैनाइन हिप डिस्प्लेसिया (CHD): यह एक अनुवांशिक स्थिति है जिसमें जांघ की हड्डी कूल्हे के जोड़ में ठीक से फिट नहीं होती है, जिससे अंततः लंगड़ापन या गठिया हो जाता है। हिप डिस्प्लेसिया वंशानुगत है, लेकिन यह पर्यावरणीय कारकों से खराब हो सकता है, जैसे उच्च कैलोरी आहार से तेजी से विकास या फिसलन फर्श पर कूदने या गिरने से होने वाली चोटें।
हिप डिस्प्लेसिया के लिए एक्स-रे स्क्रीनिंग ऑर्थोपेडिक फाउंडेशन फॉर एनिमल्स या यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया हिप इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (पेनहिप) द्वारा की जाती है। हिप डिस्प्लेसिया वाले कुत्तों का इस्तेमाल प्रजनन के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जो वजन बढ़ने, अत्यधिक बहा, ठंड के प्रति असहिष्णुता और सुस्ती का कारण बन सकती है। इसके लिए आजीवन उपचार की आवश्यकता होती है।
कोहनी डिस्प्लेसिया: यह बड़ी नस्ल के कुत्तों के लिए एक सामान्य स्थिति है। ऐसा माना जाता है कि यह कुत्ते की कोहनी बनाने वाली तीन हड्डियों की अलग-अलग वृद्धि दर के कारण होता है, जिससे जोड़ों में शिथिलता आती है। इससे दर्दनाक लंगड़ापन हो सकता है। समस्या की गंभीरता के आधार पर, आपका पशु चिकित्सक दर्द को नियंत्रित करने के लिए सर्जरी, वजन प्रबंधन या दवा की सिफारिश कर सकता है।
ऑटोइम्यून हाइपोथायरायडिज्म: यह सामान्य अंतःस्रावी विकार, जो आमतौर पर मध्यम आयु वर्ग और बड़े कुत्तों को प्रभावित करता है, थायराइड हार्मोन की कमी के कारण होता है। इसके आम लक्षणों में वजन बढ़ना, परतदार त्वचा और ऊर्जा की कमी शामिल हैं। एक बार निदान होने के बाद, हाइपोथायरायडिज्म को दैनिक दवा के साथ आसानी से प्रबंधित किया जाता है, जिसे पूरे कुत्ते के जीवन में जारी रखना चाहिए।
इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप हमेशा अच्छे व जाने माने ब्रीडर से ही Tibetan Mastiff puppy ख़रीदें। हालाँकि पिल्ले में उपरोक्त सभी बीमारियाँ शुरुआत में नहीं दिखाई पड़ती है। ये वैसे वैसे उभरती हैं जैसे जैसे कुत्ता अपनी परिपक्वता को हासिल करता है।
Tibetan Mastiff Care Tips (देखभाल टिप्स)
अब आइए देखते हैं इसके कुछ केयर टिप्स जो आपको एक पिल्ले के मलिक के तौर पर पता होना चाहिए।
तिब्बती मास्टिफ एक बहुत ही मित्रतापूर्ण स्वभाव वाला कुत्ता है जिसको रहने के लिए एक बड़ी जगह जोकि चारों तरफ तार से गिरी हो या बड़ा यार्ड उपयुक्त रहता है। इसके अतिरिक्त ये इंडोर रहना पसंद करते हैं। ये एक छोटे से कमरे में रहना पसंद नहीं करते हैं। इसके शरीर पर बालों का एक घना व मोटा कोट होता है जो कि उसे ठंड से तो बचाता है। लेकिन गर्मी में इन्हें समस्या होती है।
मोटे घने कोट की वजह से हीट का इनके शरीर से सीधे उत्सर्जन नहीं हो पाता है जिनकी वजह से इन्हे गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है तो इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। इसके अतिरिक्त इनको प्रतिदिन 20 से 30 मिनट कि अच्छे एक्साइज की जरूरत होती है। यदि आप इन्हें एक्साइज नहीं करा सकते हैं तो कम से कम दिन में सुबह व शाम आधे-आधे घंटे तक चलने का अभ्यास करा सकते हैं।
हालांकि यह अन्य कुत्तों के साथ खेलना पसंद करते हैं और उनके साथ बहुत जल्द ही घुल मिल जाते हैं। छोटी नस्लों की तुलना में तिब्बती मास्टिफ बहुत तेजी से वृद्धि करते हैं लेकिन शारीरिक रूप से इनमें परिपक्वता नहीं आ पाती है। इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत होती है। जब आप पहले दिन तिब्बती मास्टिफ अपने घर में लाते हैं उसी दिन से इसकी ट्रेनिंग आपको शुरू कर देनी चाहिए। यह बहुत ही बुद्धिमान और जल्दी सीखने में निपुण होते हैं लेकिन इनका स्वभाव थोड़ा जिद्दी होता है जिसकी वजह से आपको शुरुआती प्रशिक्षण में थोड़ी समस्या हो सकती है। इसीलिए धैर्य रखें और दृढ़ निश्चय के साथ अपने पिल्ले को ट्रेनिंग दे.
इसके अतिरिक्त इनको सामाजिक इंटरेक्शन भी जरूरी होता है जिसकी मदद से एक कुत्ते और उसके मालिक के बीच में अच्छी बॉन्डिंग बन पाती है। यह नस्लें अपनों के प्रति बहुत ही ज्यादा प्रभावी होती है इसलिए उचित प्रशिक्षण, निरंतरता, सामाजिकरण के द्वारा आप अपने एक तिब्बती मास्टिफ को एक अच्छा प्रोटेक्टिव और प्यारा फैमिली पेट बना सकते हैं.
Tibetan Mastiff Feeding (खान-पान)
तिब्बती मास्टिफ को प्रतिदिन उम्र के आधार पर कितना और कैसा खाना देना चाहिए? यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू है, आइए इस बारे में चर्चा करते हैं.
तिब्बती मास्टिफ को प्रतिदिन दिन में दो बार 4-6 कप उच्च गुणवत्ता वाले डॉग फूड की जरूरत होती है। हालांकि कुत्ते को कितना खाना खिलाना चाहिए यह उसकी उम्र, साइज, एक्टिविटी लेबल इत्यादि पर निर्भर करता है। साथ ही साथ खाने की गुणवत्ता भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। खाने के बारे में आप अपने किसी नजदीकी डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं हालांकि इतना खाना खिलाए कि यह अपनी साइज और शेप में मेंटेन रहे.
Tibetan Mastiff Grooming (ग्रूमिंग)
आपको बता दें कि तिब्बती मास्टिफ के शरीर पर लंबे बालों का दोहरा कोट होता है जो इन्हें सर्दी से बचाता है। इनके नीचे का कोट पतला जबकि ऊपर वाला मोटा होता है। कोट के रंग की बात की जाए तो यह काला, भूरा, गोल्ड, नीला या अन्य रंग में हो सकता है। कुछ तिब्बती मास्टिफ के चेस्ट और फिट पर सफेद रंग का निशान भी होता है
यह जरूरी पहलू है कि आप अपने तिब्बती मास्टिफ पिल्ले की निश्चित समय अंतराल पर ग्रूमिंग करते रहें। अन्यथा बाल ज्यादा लंबे हो जाने पर कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त इन्हें प्रतिदिन नहलाएँ और इनके दातों की भी समय-समय पर सफाई करते रहे। इनकी ग्रूमिंग आप अपने घर पर या फिर बाहर भी करा सकते हैं। सामान्य तौर पर हफ्ते में एक बार इनकी ग्रूमिंग की जानी चाहिए.
महत्वपूर्ण फ़ैक्ट: बच्चों व अन्य जानवरों के साथ इनका व्यवहार सामान्य तौर पर बहुत ही स्नेह पूर्ण होता है। ये इसके साथ बहुत जल्दी तालमेल बना लेती है। इसीलिए यह एक उच्च गुणवत्ता वाले फैमिली पेट भी है।
Tibetan Mastiff Health, Care Tips, Feeding, Grooming, Rescue in Hindi के बारे में हमारा लेख आपको पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य लेख के लिए DogKiDuniya को बुक्मार्क करें।